हरियाणा में चल रहे सियासी संकट के बीच, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अंदरूनी कलह की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। पार्टी से नाता तोड़ चुके और गठबंधन के पूर्व सहयोगी, दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में हरियाणा के गवर्नर को पत्र लिखकर नायब सिंह सैनी सरकार से विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने की मांग की थी। इसके जवाब में, खबरें आई हैं कि जेजेपी के तीन विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है, जिससे पार्टी में टूट की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, ये विधायक संभवतः भाजपा में शामिल होने का विचार कर रहे हैं, जिससे जेजेपी की स्थिति और कमजोर पड़ सकती है। इन विधायकों की खट्टर के साथ हुई बैठक को पानीपत में राज्य मंत्री महिपाल ढांडा के आवास पर आयोजित किया गया था, जिसमें विधायकों ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की।
जेजेपी के इन विधायकों में टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली, नरवाना से रामनिवास सूरजखेड़ा, और जोगीराम सिहाग शामिल हैं। इस बैठक के बारे में देवेंद्र बबली और जोगीराम सिहाग ने बताया कि उनसे राज्यपाल को पत्र भेजने के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई थी।
इस घटनाक्रम के बीच, भाजपा सरकार के समर्थन में तीन निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन वापस ले लिया है, जिससे नायब सिंह सैनी की सरकार अल्पमत में आ गई है। वर्तमान में, सदन में बहुमत सिद्ध करने के लिए आवश्यक संख्या 45 है, लेकिन भाजपा के पास केवल 43 विधायक हैं।
राजनीतिक परिदृश्य में इस तरह के उलटफेर से जेजेपी और भाजपा दोनों के भविष्य पर गहरा असर पड़ सकता है, और आने वाले दिनों में इस स्थिति पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।