कोविड-19 का एक नया वैरिएंट देश में एंट्री कर चुका है और तेजी से फैल रहा है। जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कोविड-19 के 324 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें केपी.2 के 290 मामले और केपी.1 के 34 मामले शामिल हैं। कोरोनावायरस के दो नए सब-वैरिएंट KP.2 और KP.1 को ‘FLiRT’ नाम दिया गया है। ‘FLiRT’ ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स का एक ग्रुप है और ये दोनों इस ग्रुप के अंदर ही आते हैं। FLiRT में शामिल KP.2 और KP.1, ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट JN.1 के वंशज हैं जिसने पिछले साल काफी तबाही मचाई थी। FLiRT के मामले इंडिया में कहां-कहां मिले हैं, यह वैरिएंट क्या है और इसके लक्षण क्या हैं, इस बारे में जान लीजिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ग्लोबल लेवल पर कोविड-19 का जेएन.1 और इसके सब-वैरिएंट चिंता का विषय हैं। जिनमें केपी.1 और केपी.2 शामिल हैं। ग्लोबल हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने KP.2 को वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग के रूप में रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के बढ़ते मामलों से भारत में फिलहाल हॉस्पिटल में एडमिट होने और गंभीर मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है इसलिए चिंता या घबराहट की कोई बात नहीं है। म्यूटेशन तेजी से होते रहेंगे क्योंकि यह SARS-CoV2 जैसे वायरस का नेचर है। लेकिन पिछले कुछ समय से अमेरिका, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड में कोरोना के मामले बढ़ने का कारण FLiRT ही है। जिस कारण वहां पर COVID-19 लहर की आशंका फिर से बढ़ गई है। सिंगापुर में कोरोना की नई लहर आ सकती है क्योंकि हेल्थ डिपार्टमेंट ने वहां पर 5 से 11 मई तक 25,900 से अधिक मामले दर्ज किए है और ये मामले हर हफ्ते दोगुने हो रहे हैं। सरकार ने एक स्वास्थ्य सलाह जारी कर लोगों से फिर से मास्क पहनने को कहा है।
कहां कितने मामले मिले?
भारत में KP.1 के 34 मामले सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पाए गए हैं, जिनमें से 23 मामले पश्चिम बंगाल से दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र से KP.1 के 4 मामले, राजस्थान और गुजरात से 2-2 और गोवा, हरियाणा और उत्तराखंड से 1-1 मामला सामने आया है। इसी तरह INSACOG ने देश भर में KP.2 के लगभग 290 मामलों का पता लगाया है। जिनमें अकेले महाराष्ट्र से 148 मामले शामिल हैं। KP.2 सब-वैरिएंट वाले अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में पश्चिम बंगाल में 36, गुजरात में 23, राजस्थान में 21, उत्तराखंड में 16, ओडिशा में 17, गोवा में 12, उत्तर प्रदेश में 8, कर्नाटक में 4, हरियाणा में 3, मध्य प्रदेश और दिल्ली में 1-1 मामला सामने आया है।
क्या है FLiRT?
FLiRT में दो प्रमुख वैरिएंट, KP.2 और KP.1 शामिल हैं जो JN.1 के सब-वैरिएंट हैं। इनमें 2 नए स्पाइक म्यूटेशन हैं। KP.2 वैरिएंट JN.1 का वंशज है, जिसमें S:R346T और S:F456L दोनों मौजूद हैं। रिसर्चर्स की स्टडी के मुताबिक, KP.2 की संक्रामकता JN.1 की तुलना में काफी कम है। KP.2 तेजी से फैल रहा है, अनुमान है कि KP.1 वर्तमान में अमेरिका में लगभग 7.5 प्रतिशत नए कोविड मामलों के लिए जिम्मेदार है। जब दोनों साथ में होते हैं तो यह और भी आक्रामक हो जाते हैं। KP.2 को JN.1 की तीसरी पीढ़ी माना जा रहा है जिसे पिछले साल दिसंबर में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में देखा गया था। मई 2024 तक वैश्विक स्तर पर फैलने वाले मुख्य वैरिएंट KP.2, JN.1 और KP.1 ही हैं।
कितना खतरनाक है FLiRT?
नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक ‘कोविड-19 खत्म होने वाली बीमारी नहीं है। यह किसी न किसी रूप में सामने आती रहेगी, भले ही यह बुखार, मलेरिया या अन्य रूप में सामने आए। ऐसा प्रतीत होता है कि ये वैरिएंट अपने पूर्वज और अन्य ओमिक्रॉन वैरिएंट से आगे निकल गए हैं। माना जाता है कि KP.2, विशेष रूप से दोनों में से अधिक प्रभावशाली स्ट्रेन है जो वैक्सीनेशन और पिछले संक्रमण से बनी इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकता है।
FLiRT के लक्षण क्या हैं?
FLiRT के लक्षण लगभग अन्य वैरिएंट के समान ही हैं जिनमें गले में खराश, खांसी, थकान, मसल्स में दर्द, बुखार, ठंड लगना और स्वाद या गंध की कमी शामिल हैं। लक्षण अलग-अलग होने का कारण यह है कि FliRT KP.2 और JN.1 वैरिएंट से मिलकर बने हैं जिसमें कई म्यूटेशन होते हैं जो इम्यूनिटी को चकमा दे सकते हैं।