25.1 C
Delhi
Thursday, November 14, 2024

ताइवान को चारों ओर से घेर रहा चीन, आखिर क्या है ड्रैगन की चाल?

Date:

विस्तारवाद की नीति पर चलने वाले चीन की निगाहें अब ताइवान पर टिकी हुई है। एशियाई देश पर दावा ठोकने वाला ड्रैगन इसे हड़पने की फिराक में है। शायद यही वजह है कि उसने ताइवान के चारों तरफ अपनी आर्मी को भेज दिया है। चीन की ताजा मिलिट्री ड्रिल ने न सिर्फ ताइवान की चिंता बढ़ाई है बल्कि इससे पड़ोसी देश भी टेंशन में आ गए हैं। जानकारी के मुताबिक पीएलए की ईस्टर्न थियेटर कमांड ने ताइवान के आस-पास जॉइंट मिलिट्री डिल शुरू कर दी है। यह गुरुवार सुबह सात बजकर 45 मिनट पर चालू हुई। ये ड्रिल्स जहां-जहां हुईं, उनमें ताइवान स्ट्रेट, ताइवान द्वीप के उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी हिस्से, किन्मेन, मत्सू, वूकियू के साथ डोंग्यिन द्वीप के नजदीकी इलाके शामिल हैं।

चीनी सेना की ओर से बताया गया कि मिलिट्री सेवाएं संयुक्त ड्रिल्स कर रही है। ये गुरुवार से शुक्रवार तक चलेंगी और मिलिट्री ड्रिल से जुड़े ऑपरेशन का कोड-नेम जॉइंट सोर्ड 2024 ए है। यह ड्रिल व्यापक युद्धक्षेत्र नियंत्रण की संयुक्त जब्ती, संयुक्त समुद्री-हवाई युद्ध-तत्परता गश्त और प्रमुख लक्ष्यों पर संयुक्त सटीक हमलों पर केंद्रित है। मिलिट्री ड्रिल के तहत ताइवान के पास के इलाके में जहाज और विमान गश्त पर रहेंगे। ऐसा करके कमांड बलों की संयुक्त वास्तविक युद्ध क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। ड्रिल “ताइवान स्वतंत्रता” बलों के अलगाववादी कृत्यों के लिए कड़ी सजा, बाहरी ताकतों के दखल और उकसावे के खिलाफ कड़ी चेतावनी के रूप में भी है। ताइवान के आस-पास चीनी मिलिट्री का बढ़ती मौजूदगी जारी जियोपॉलिटिकल टेंशन को और बढ़ा सकती है।

रोचक बात है कि जॉइंट मिलिट्री ड्रिल ऐसे वक्त पर की जा रही है, जब चीन के साथ ताइवान का टकराव बढ़ रहा है। ताइवान एशिया के पूर्वी हिस्से में आता है। ताइवानी प्रशासन लंबे समय से खुद को रिपब्लिक ऑफ चाइना के रूप में आजाद देश बताता आया है। वहां साल 1949 से स्वतंत्र सरकार है। हालांकि चीन भी लंबे समय से 2.3 करोड़ की आबादी वाले इस द्वीप पर दावा ठोकता रहा है। उसका कहना है कि ताइवान पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का एक प्रांत है।

Author

Latest stories

spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here