मुख्यमंत्री नायब सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले 30 जून तक बाढ़ रोकथाम की तैयारियां पूरी कर लें। पिछले वर्ष बाढ़ से अंबाला, कुरुक्षेत्र जिले काफी प्रभावित हुए थे। शार्टटर्म स्कीमों के कार्य पूरा करवाना सुनिश्चित करें। वे मंगलवार को चंडीगढ़ में बाढ़ रोकथाम की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डॉ़. अभय सिंह यादव भी उपस्थित थे।
सीएम ने कहा कि रजबाहों व नालों के तटबंधों को मजबूत करने के लिए मिट्टी भराई का काम तत्काल शुरू कर दें, क्योंकि 15 जून के बाद धान रोपाई भी शुरू हो जाती है और खेतों में पानी भरा होने के कारण मिट्टी उठाने के कार्य में दिक्कत आएगी। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा – अगर पिछले वर्ष की तरह बाढ़ के हालात हुए तो दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
नहर की गाद की मिट्टी निकालने के लिए विभाग द्वारा जितनी भी जरूरी हो जेसीबी किराये पर ली जाएं। उन्होंने कहा कि अंबाला के हरड़ा-हरड़ी, शेरगढ़, चांदपुरा, शाहपुर, हेमामाजरा, रामपुर ससेड़ी, कुरुक्षेत्र के झांसा, जलबेहड़ा तथा कैथल के गुहला चीका तक के गांव काफी प्रभावित हुए थे। इस बार मानसून से पहले की जा रही तैयारियों में लापरवाही के चलते अगर बाढ़ के हालात बने तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जानकारी दी गई कि बाढ़ संभावित 320 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए थे। इनके लिए शॉर्टटर्म स्कीमें तैयार की गई थीं। अब तक 44 स्कीमें पूरी हो चुकी हैं तथा 179 स्कीमों पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि समय की कमी को देखते हुए बाकी काम विभाग अपने स्तर पर युद्धस्तर पर करवाएं। उन्होंने अधिकारियों को एक पोर्टल बनाने के निर्देश भी दिए।
मानसून से पहले बाढ़ से संबंधित जितने भी कार्य हो रहे हैं वे सभी रोजाना इस पोर्टल पर अपलोड होंगे। गांव के सरपंच को भी साथ में लेकर वीडियो बनाकर पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। सीएम खुद इस पोर्टल की मॉनिटरिंग करेंगे।