हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट में अपने पिछले बयान से पलटते हुए कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड’ (यूवाईआरबी) का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार शाम पांच बजे तक ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड’ को पानी की आपूर्ति के लिए मानवीय आधार पर आवेदन प्रस्तुत करे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है।
पीठ ने बताया कि राज्यों के बीच यमुना जल बंटवारे का मुद्दा जटिल है और अदालत के पास इस पर अंतरिम निर्णय लेने की तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है। यह मुद्दा 1994 के समझौता ज्ञापन में तय निकाय को सौंपा जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि यूवाईआरबी पहले ही दिल्ली को आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दे चुका है।
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें हरियाणा को हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को छोड़ने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट कम हो सके।