सनातन विरोधी इंडिया गठबंधन का चेहरा सबके सामने आ चुका है। आप प्रत्याशी सुशील गुप्ता ने बाबा बागेश्वर धाम सरकार पर अभद्र टिप्पणी की है। दरअसल बाबा बागेश्वर धाम सरकार हाल ही में कुरुक्षेत्र में कथा का वाचन करने पधारे थे। यहां उन्होंने तीन दिन तक कथा का प्रवचन किया। जिन्हें सुनने के लिए हरियाणा से ही नहीं बल्कि पंजाब और कई अन्य राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुशील गुप्ता ने बाबा बागेश्वर धाम सरकार की कथा को राजनीति से जोड़ दिया और यही नहीं उनके और उनके पिता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी भी कर दी।
आप प्रत्याशी सुशील गुप्ता के इस बयान पर सरस्वती विकास बोर्ड ने कड़ी आपत्ति जताई है। बोर्ड के चेयरमैन श्री धुम्मन सिंह किरमिच ने कहा कि यह टिप्पणी सीधे-सीधे सनातन धर्म का अपमान है। सुशील गुप्ता की सोच छोटी है जो बाबा बागेश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की भावनाओं को समझ नहीं पाए। जिसमें उन्होंने कहा था कि इधर-उधर मत देखो बल्कि भगवान में रम जाओ। चेयरमैन किरमिच ने कहा कि भारत हजारों वर्षों से संतों की भूमि है। संत सदैव समाज कल्याण के लिए समर्पित रहे हैं। हमारी वैभवशाली और गौरवशाली प्राचीन संस्कृति आज फिर से फलने-फूलने लगी है तो इसका श्रेय संतों को ही जाता है। बाबा बागेश्वर सनातन धर्म के अग्रणी संत हैं। कुरुक्षेत्र वासियों ने उनका जिस तरह सम्मान किया, उस पर बाहर से आये आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुशील गुप्ता टिप्पणी कर रहे हैं तो निश्चित रूप से कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के मतदाता उन्हें कड़ा सबक सिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र धर्मक्षेत्र है और पूरी दुनिया में इसकी ख्याति धर्म के कारण ही है। सुशील गुप्ता जैसे धर्म का अपमान करने वाले व्यक्ति को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। बाबा बागेश्वर जैसे संत और उनके पिता पर अभद्र टिप्पणी के लिए सुशील गुप्ता को माफी मांगनी चाहिए अन्यथा हम शांत नहीं बैठेंगे और सड़कों पर उतर कर उनका विरोध करेंगे।