हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र से मिली शिकस्त के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी सहयोगी कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है। कुरुक्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार सुशील गुप्ता की हार के बाद AAP के हरियाणा प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने बयान दिया है कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा के क्षेत्रों में हुए भीतरघात के कारण आम आदमी पार्टी को कुरुक्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “जब भी कोई राजनीतिक दल विकास की ओर बढ़ता है, तो उसे रोकने की कोशिश की जाती है। कांग्रेस नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों में AAP के उम्मीदवार को कम वोट मिले, जो संदेहास्पद है। कुरुक्षेत्र में आम आदमी पार्टी की संभावित जीत से अन्य पार्टियां डरी हुई थी। ढांडा ने कहा, यह उस खतरे को दर्शाता है जो हम अन्य बड़े दलों के लिए पैदा कर सकते हैं। यह हमारी पार्टी के लिए एक चुनौती है और हम इसे एक अवसर के रूप में लेंगे”।
कुरुक्षेत्र सीट का सियासी समीकरण:
कुरुक्षेत्र लोकसभा हमेशा से ही कांग्रेस पार्टी का बड़ा प्रभाव रहा है। आम आदमी पार्टी का कुरुक्षेत्र में कोई खास वोटबैंक नही रहा। आप प्रत्याशी सुशील गुप्ता को इस चुनाव में कुल 513154 वोट मिले। जानकारों का कहना है कि सुशील गुप्ता को मिले पांच लाख से ज्यादा वोटों में कांग्रेस के 80 फीसदी से ज्यादा वोट शामिल हैं लिहाजा भितरघात का आम आदमी पार्टी का आरोप बेबुनियाद है। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नवीन जिन्दल को 542175 वोट मिले और कड़े मुकाबले में वो सुशील गुप्ता से 29021 वोटों से बढ़त बनाकर जीत दर्ज कर पाए।
आपको बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुरुक्षेत्र से 303722 वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह चुनाव हारने के बाद दूसरे नंबर पर रहे थे। वरिष्ठ पत्रकार सौरभ चौधरी का कहना है कि कांग्रेस ने पिछले चुनाव में तीन लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे इस चुनाव में भी सुशील गुप्ता को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का साझा उम्मीदवार होने का फायदा मिला और कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक AAP को मिला, ऐसे में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता का बयान हार के बाद एक झुंझलाहट से ज्यादा कुछ नहींं दिखता।