आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार शहरों से जुड़ी समस्याओं को निपटाने में जुटी है। शहरों में प्लॉटों की रजिस्ट्री पर लगी रोक को लगभग हटा दिया है। नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं की प्रॉपर्टी आईडी व एनडीसी को लेकर आ रही समस्याओं को भी लगभग निपटा दिया है। इतना ही नहीं, अब सरकार ने 433 और अवैध कालोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है।
30 जून तक इन कालोनियों को नियमित किया जा सकता है। इसे पहले मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान पिछले साल राज्य में 741 कालोनियों को नियमित किया था। निकाय विभाग की ओर से सभी नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के अधिकारियों को पत्र जारी करके उन कालोनियों की लिस्ट भेजने को कहा है, जिन्हें नियमित किया जा सकता है। कालोनियों को नियमित करने की शर्तों को भी काफी सरल किया जा चुका है।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि अवैध कालोनियों को नियमित करने के अलावा सरकार शहरों में विभिन्न कालोनियों के साथ अटैच 705 छोटे क्षेत्रों (पैचेस) को भी नियमित कर चुकी है। राज्यभर में ऐसे 1200 के लगभग और पैच चिह्नित किए हैं। सरकार ने तय किया है कि ऐसे सभी पैच को भी अब नियमित किया जाएगा। केवल वे पैच रेगुलर नहीं होंगे, जो सरकारी भूमि, वन क्षेत्रों, ग्रीन बेल्ट या रोड की भूमि पर होंगे।
निकाय मंत्री ने कहा कि 1 लाख 17 हजार 705 प्रॉपर्टी पर आपत्ति लगाने की वजह से लोग राशि जमा नहीं कर पा रहे थे। उन्हें अब राशि जमा करने की सुविधा प्रदान की है। शहरी क्षेत्रों को घर बैठे सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी), एचएसआईआईडीसी एवं तहसील में किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री होते ही सभी तरह की विवरण नगर निकायों के प्रॉपर्टी पोर्टल पर खुद आ जाएगी। लोगों को अब इसके लिए कार्यालयों के चक्कर काटने या किसी के पास भी जाने की जरूरत नहीं है और यह सुविधा उन्हें घर बैठे मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पारिवारिक हिस्सेदारी में परिवार के लोगों को अपनी संपत्ति का बंटवारा करने का अधिकार प्रदान किया है। इसमें सबसे छोटा हिस्सा 50 गज तक का हो सकता है। यानी 100 गज के प्लाट के दो हिस्से किए जा सकेंगे। इससे अधिक साइज यानी 200, 300, 400, 500 या इससे अधिक वर्गगज का प्लॉट है तो परिवार के सदस्य उसके अलग-अलग हिस्से कर सकेंगे। शर्त इसमें केवल यह रहेगी कि कम से कम प्लाट का साइज 50 वर्गगज होगा। इससे कम की र रजिस्ट्री नहीं होगी।
शहरी क्षेत्रों में एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की लाइसेंसशुदा कालोनियों को छोड़कर अन्य संपत्तियों में यह बंटवारा हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मृत्यु के केस में विल के आधार पर अथवा बिना विल के आधार पर या किसी अन्य कारण से ऑनर को संपत्ति के ट्रांसफर में दिक्कतें आ रही थी। इसे दूर करने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है, कि नगर निकाय उनके आवेदन पर 30 दिन का नोटिस दो अखबारों में जारी करके और उसके बाद उत्तराधिकारी का निर्णय लेकर ट्रांसफर करने की अनुमति प्रदान कर देगा। ऐसा करने से लोगों को इंतज़ार नहीं करना होगा और उनको संपत्ति का अधिकार तुरंत प्राप्त हो जाएगा।