हरियाणा सरकार ने प्रदेश के युवाओं के हित में बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने जल्द ही 50 हजार सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है। सीएम नायब सिंह सैनी ने शनिवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही विभिन्न श्रेणी के 50 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही, ग्रुप-डी की नौकरियां भी युवाओं को मिलेंगी।
यहां हरियाणा निवास में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के नये चेयरमैन हिम्मत सिंह के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर सीएम ने कहा कि हरियाणा में रोजगार के अवसर प्रदान करने और युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा किए रहे प्रयासों का हिस्सा है। सरकारी नौकरियों के लिए पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की प्रणाली को जारी रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि वर्तमान सरकार युवाओं को पूरा मान-सम्मान दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बिना किसी भेदभाव के पूरी तरह से योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं और यह पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा – यह गर्व की बात है कि युवाओं का सरकार की कार्यप्रणाली में विश्वास बढ़ा है क्योंकि वे बिना किसी ‘खर्ची-पर्ची’ (रिश्वत और पक्षपात) के सरकारी नौकरियां हासिल कर रहे हैं, जो पिछली सरकारों में चलती थी।
ग्रुप-सी और ग्रुप-डी श्रेणी के पदों के लिए सामाजिक-आर्थिक मानदंड के तहत अतिरिक्त 5 अंक देने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के हाल ही में आए फैसले को लेकर सीएम ने कहा कि न्यायालय की पहली पीठ ने गरीब परिवारों के लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस मानदंड को सही ठहराया था। अगली पीठ का दृष्टिकोण अलग हो सकता है। उन्होंने कहा – राज्य सरकार उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जल्द ही इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार युवाओं को न्याय सुनिश्चित करने के लिए पुरजोर वकालत करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक मानदंड गरीब परिवारों के सदस्यों को अवसर प्रदान करने के लिए अपनाए गए थे, जिनके पास कोई सरकारी नौकरी नहीं थी। उन्होंने ऐसे परिवारों की उपेक्षा करने के लिए वर्ष 2014 से पहले की सरकारों की आलोचना की। एक अन्य सवाल के जवाब में सीएम ने कांग्रेस नेताओं पर इस मुद्दे पर झूठे प्रचार करने के साथ जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया।