हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस बार पांच विधायकों ने भाग्य आजमाया। इनमें सिर्फ एक विधायक वरुण चौधरी ही चुनाव जीत पाए, बाकी चारों को हार का सामना करना पड़ा। संसद बनने पर वरुण मुलाना को अगले 14 दिन के भीतर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ेगा।
सीएम नायब सिंह सैनी भी जीतकर विधानसभा के निर्वाचित सदस्य बन गए हैं। चौधरी के इस्तीफे के बाद सीट खाली होने और सैनी के विधायक बनने के बाद हरियाणा विधानसभा में सदस्यों की संख्या 87 ही रहेगी। इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 44 होगा।
सीएम नायब सिंह सैनी के जीतने के बाद भाजपा विधायकों की संख्या 41 पहुंच गई। भाजपा को निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत और हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा का समर्थन प्राप्त है। इससे भाजपा के पास विधायकों का आंकड़ा 43 है। उन्हें सिर्फ एक विधायक का समर्थन चाहिए। हालांकि सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल दावा करते आए हैं कि उनके पास जजपा के विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
हरियाणा में विधानसभा के 90 सदस्य थे। लोकसभा चुनाव के दौरान मनोहर लाल व रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का निधन हो गया था। इस प्रकार 90 में से 87 सीट सदस्य ही बचे हैं।