यहां कभी 10 की 10 लोकसभा सीटों पर जहां बीजेपी का कब्जा था, उसे नुकसान होता दिख रहा है। वहीं, दुष्यंत चौटाला और उनके पिता अजय चौटाला के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव मैदान में उतरी जेजेपी को भारी नुकसान दिख रहा है। उसके प्रत्याशी दूर दूर तक नहीं दिख रहे। चुनाव आयोग के सुबह सवा 11 बजे के आंकड़े कहते हैं कि अंबाला सीट पर जेजेपी की किरण पुनिया सिर्फ 1533 वोट पाकर छठे नंबर पर थीं। भिवानी महेंद्रगढ़ में जेजेपी के बहादुर सिंह तीसरे नंबर पर थे। उनके पास केवल 5000 वोट थे। फरीदाबाद में नलीन हुड्डा महज 1129 वोटों के साथ पांचवें नंबर पर थे। गुरुग्राम में राहुल फैजलपुरिया सिर्फ 3100 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे।
खुद हिसार सीट की बात करें तो दुष्यंत की माता नैना चौटाला भी केवल 4676 वोट हासिल कर पाई थीं। वह चौथे नंबर पर रहीं। करनाल में जेजेपी के देवेंद्र कादयान 3624 वोट पाकर पांचवें नंबर पर थे। कुरुक्षेत्र में उसके पालाराम सैनी 1108 वोट के साथ छठे नंबर पर थे। रोहतक में 1083 वोट पाकर रविंद्र तीसरे तो सिरसा में रमेश खटक 5132 वोटों के साथ चौथे नंबर पर थे। सोनीपत में भी कमोबेश पार्टी का यही हाल था। उसके भूपेंद्र सिंह मलिक 2165 वोटों के साथ पांचवें नंबर पर रहे।