प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीमनगर में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान चुनावी प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर सीधा आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी को उद्योगपतियों मुकेश अंबानी और गौतम अडानी से प्राप्त चंदे के आंकड़े सार्वजनिक करने की चुनौती दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि “कांग्रेस के शहजादे” ने हाल के दिनों में अंबानी और अडानी का नाम लेना बंद कर दिया है और उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों हुआ। “क्या शहजादे ने इन उद्योगपतियों से कोई चंदा प्राप्त किया है? क्या इसके बदले में कोई सौदा किया गया है?” प्रधानमंत्री ने चुनावी सभा में उपस्थित जनता से इन सवालों पर गौर फरमाने को कहा।
मोदी ने कहा, “जब हम सभी चुनावी मोड में हैं, तो यह जानना जरूरी है कि विपक्षी नेता किनके समर्थन से चुनाव लड़ रहे हैं। यदि वे पारदर्शिता का दावा करते हैं, तो उन्हें अपने फंडिंग सोर्स को भी सार्वजनिक करना चाहिए।”
इस चुनावी हमले के द्वारा प्रधानमंत्री ने न केवल राहुल गांधी बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी को उनके वित्तीय संसाधनों की पारदर्शिता को लेकर घेरने का प्रयास किया। यह चुनावी मुद्दा न सिर्फ कांग्रेस के लिए बल्कि सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनौतीपूर्ण सिद्ध हो सकता है, जो चुनावी चंदे और गठजोड़ों के मामले में जनता की नज़रों में हैं।